रंजना वर्मा ' उन्मुक्त ' से साक्षात्कार
जन्म तिथि- 6 अप्रैल
जन्म स्थान- पटना
पिता - स्व.उमेश्वर नारायण श्रीवास्तव
माता- श्रीमती प्रभा श्रीवास्तव
पति- दीपेन्द्र कुमार वर्मा
शिक्षा- स्नातकोत्तर (इतिहास) B.Ed ( बिहार )
रूचि- कविता, कहानी,नाटक,आलेख, लघुकथा लेखन एवं संगीत
प्रकाशित पुस्तक : -
कुछ कहती है जिन्दगी (लघुकथा एवं छोटी कहानियों का संग्रह )
सम्मान : -
श्री साहित्य विभूति,
साहित्योदय शक्ति सम्मान,
2020 रत्न सम्मान,
लघुकथा मैराथन सम्मान,
कोरोना योद्धा सम्मान,
वृक्ष सखा सम्मान,
अटल रत्न सम्मान,
हिन्द गौरव सम्मान ।
पता : फ्लैट न.-C3F, ग्रीन गार्डेन अपार्टमेंट्स, हेसाग,हटिया,राँची,झारखंड -834003
प्रश्न न.1 - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कौन सा है ?उत्तर - लघुकथा में सबसे महत्वपूर्ण तत्व कथावस्तु, पात्र का चरित्र चित्रण, वातावरण, कथोपकथन तथा उद्देश्य होते हैं ।
प्रश्न न.2 - समकालीन लघुकथा साहित्य में कोई पांच नाम बताओं ? जिनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - बहुत सारे बेहतरीन लघुकथाकार हुए हैं जिसमें समकालीन लघुकथाकार जिनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही हैं,आ. पवन जैन जी, कान्ता राय , अनिता रश्मि, डाॅ.ध्रुव कुमार और आ.बीजेन्द्र जैमिनी जी का नाम उल्लेखनीय है।
प्रश्न न.3 - लघुकथा की समीक्षा के कौन - कौन से मापदंड होने चाहिए ?
उत्तर - चुस्त एवं सटीक कथानक, कथ्य एवं सपष्ट उद्देश्य के होने से बेहतरीन लघुकथा बनती है।
प्रश्न न.4 - लघुकथा साहित्य में सोशल मीडिया के कौन - कौन से प्लेटफार्म की बहुत ही महत्वपूर्ण है ?
उत्तर - आज कल साहित्यिक क्षेत्र में सोशल मीडिया बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जिसमें फेसबुक, ब्लॉग , वाट्सअप, यूट्यूब, टीवी ऐवं न्यूज़ पेपर उल्लेखनीय हैं ।
प्रश्न न.5 - आज के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा की क्या स्थिति है ?
उत्तर - आजकल के साहित्यिक परिवेश में लघुकथा लोकप्रियता की चरम सीमा पर अवस्थित है।लेकिन अभी भी बहुत सारे साहित्यकार इसकी विधा से अनभिज्ञ हो सृजन कर रहे हैं ।अतः वरिष्ठ लघुकथाकारों का मार्गदर्शन अति आवश्यक है ।
प्रश्न न.6 - लघुकथा की वर्तमान स्थिति से क्या आप सतुष्ट हैं ?
उत्तर - बहुत संतुष्ट नहीं हूँ ।अभी भी बहुत सारे लोग बगैर इसकी विधा को जाने इसका सृजन कर रहे हैं । मेरा वरिष्ठ लघुकथाकारों से सविनय अनुरोध है कि वे विशेषकर नवोदित लघुकथाकारों का मार्गदर्शन अवश्य करें ।
प्रश्न न.7 - आप किस प्रकार के पृष्ठभूमि से आए हैं ? बतायें किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उत्तर - मैं एक हाउस वाइफ हूँ । लिखने का शौक बचपन से ही था। सारी जिन्दगी घर गृहस्थी में फंसी रही। चार पांच साल से सक्रिय रूप से लिख रही हूँ । अभी नियमित रूप से काव्य गोष्ठियों में जाती हूँ और मेरी रचनाओं का एकल संकलन, साझा संकलन और उनका प्रायः पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशन होता रहता है।
प्रश्न न.8 - आप के लेखन में , आपके परिवार की भूमिका क्या है ?
उत्तर - बिना परिवार के सहयोग से इंसान आगे नहीं बढ़ सकता है। मेरे भी लेखन में मेरे पति और मेरे बच्चों का सहयोग मुझे निरंतर प्राप्त होता रहता है।
प्रश्न न.9 - आप की आजीविका में , आपके लेखन की क्या स्थिति है ?
उत्तर - मेरी आजीविका में लेखन से कुछ भी सहायता नहीं प्राप्त होती है। मुझे बेहद दुख के साथ कहना पड़ता है कि कुछ लोगों ने साहित्य को पैसा कमाने का व्यवसाय बना लिया है।
प्रश्न न.10 - आपकी दृष्टि में लघुकथा का भविष्य कैसा होगा ?
उत्तर - लघुकथा का भविष्य निःसंदेह उज्जवल है। इसके पीछे कुछ महान साहित्यकारों की निःस्वार्थ भाव से साहित्य की सेवा ही है
प्रश्न न.11 - लघुकथा साहित्य से आपको क्या प्राप्त हुआ है ?
उत्तर - लघुकथा से मुझे एक पहचान मिली है और " झारखंड के प्रमुख लघुकथाकार " ( ई- लघुकथा संकलन ) में अपना नाम देखकर मैं अत्यंत गौरान्वित भी महसूस करती हूँ । अंत में यह जरूर कहना चाहूँगी कि बीजेन्द्र जैमिनी जी द्वारा सारे लघुकथाकारों को एक पृष्ठभूमि पर सुसज्जित करने का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है।
Comments
Post a Comment